आज बड़ी अजीब सी बात से मेरा सामना हुवा बात ये हुई की मेरे एक मित्र या ये कहिये ख़ास मित्र मुझसे एक शोशल नेटवर्किंग साईट पर आज बहुत दिन बाद मिले .फिर क्या था वही पुरनी बातों का सिलसिला चल निकला . काफी देर बात करने क बाद उन्होंने मुझसे कहा के भाई मै तुझसे थोड़ी देर में बात करता हु अभी मुझे मज्जिद जाना है . मैंने कहा की बढ़िया है भाई जाओ मै तुम्हारा इंतजार करता हु.इसपर उन्होंने मुझसे कहा के भाई तुम साया ( छोटी बहन ) से बात करो जब तक मै वापस नहीं आ जाता हु .मैंने कहा के भाई छोटी बच्ची को साथ में लेकर जाओ तुम्हारे घर पर अभी कोई नहीं है तो उसको अकेले छोड़ना सही नहीं है मेरे इस बात बार हमारे मित्र नाराज़ हो गए बोले के भाई तू जानता है क हमारे यहाँ लड़कियां मज्जिद नहीं जाया कराती है तू बार बार क्यों उसे वहां ले जाने को बोल रहा है .मित्र की इस बात ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया फिर भी मुझको ये बात समझ नहीं आयी के आखिर महिलाये मज्जिद क्यों नहीं जा सकती क्या उनकी गलती ये है की वो किसी धर्म विशेस की महिला है क्या केवल पुरुषों को अधिकार है के वो महिलाओ को बताये के उन्हें क्या करना है जिसने खुद भगवान को पैदा किया जिसको उसने कितने महीना अपने पेट में रखा मुझे नहीं लगता की कोई खुदा या कोई भगवन अगर वो सच में खुदा या भगवान है तो वो कभी अपनी माँ को अपने घर में आने से रोकेगा ये सिर्फ समाज के द्वारा बनाया हुवा बेकार सा बहाना है के महिलाये कभी पुरुषो पर हावी न हो सके वो हमेशा पुरुषों के नीचे रहे मै अपने मित्र या किसी भी धर्म विशेष की भावना को ठेस नहीं पहुचना चाहता हु ओर अगर किसी को मेरी बात गलत लगती हो तो मै माफ़ी चाहत हु ओर सबसे इस विषय पर सोचने की अपील करता हु
"भावनाओ का आकाश.".....
सहकार भारती "बिना संस्कार नहीं सहकार, बिना सहकार नहीं उद्धार"
....................स्वागत....................
मै कुलदीप आपका मेरे ब्लॉग में स्वागत करता हूँ
इस ब्लॉग के जरिये मै अपनी भावना प्रदर्शित करना चाहता हूँ
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Friday, January 27, 2012
Tuesday, December 8, 2009
एक दिन कभी जाते हुए
कही जाते हुए
कुछ सुचते हुए
गुनगुनाते हुए
कभी कोई बात जो दिल को छुई
या कभी कुछ एसा हुआ
जो समझ नहीं आया
या जान बुझ कर कोशिश
न की हो समझने की
पता नहीं वो क्या था
कभी कोई आया या कोई गया
पता नहीं
लेकिन जो भी हो वो
अच्छा है या बुरा है
बहुत अच्छा है
वो दिल को छूता है
कभी सब कुछ
बता देता है
या कुछ छुपा लेता है
पता नही वो जो भी है
अच्छा है वो सच्चा है
वो कुछ खास है
या आम है
नही पता
लेकिन वो जो भी है अच्छा है
वो सच्चा है.........................
कही जाते हुए
कुछ सुचते हुए
गुनगुनाते हुए
कभी कोई बात जो दिल को छुई
या कभी कुछ एसा हुआ
जो समझ नहीं आया
या जान बुझ कर कोशिश
न की हो समझने की
पता नहीं वो क्या था
कभी कोई आया या कोई गया
पता नहीं
लेकिन जो भी हो वो
अच्छा है या बुरा है
बहुत अच्छा है
वो दिल को छूता है
कभी सब कुछ
बता देता है
या कुछ छुपा लेता है
पता नही वो जो भी है
अच्छा है वो सच्चा है
वो कुछ खास है
या आम है
नही पता
लेकिन वो जो भी है अच्छा है
वो सच्चा है.........................
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